इंदौर में परिवहन विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किए, स्कूल बसों में अब सेफ्टी डिवाइस, जीपीएस और सीसीटीवी अनिवार्य होंगे

 इंदौर

नियम विरुद्ध स्कूल बसों का संचालन नहीं किया जा सकेगा। नया सत्र शुरू होने में अभी भी 10 दिन का समय है। इसके पहले आप बसों को ठीक करवा लें अन्यथा सीधे कार्रवाई होगी। स्कूल खुलते ही परिवहन विभाग नियमित जांच अभियान चलाएगा। चेतावनी के साथ यह सलाह आरटीओ प्रदीप शर्मा ने रेसीडेंसी कोठी में हुई बैठक में दी। परिवहन विभाग और पुलिस द्वारा ली जा रही स्कूल संचालकों की बैठक में सतर्कता का पाठ भी पढ़ाया गया। स्कूली वाहनों से हर साल होने वाली दुर्घटनाओं के मद्देनजर परिवहन विभाग और पुलिस ने स्कूली वाहनों के नियमों की जानकारी देकर पालन की करने की हिदायत दी। इंदौर में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। शुक्रवार को रेसीडेंसी कोठी में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) प्रदीप शर्मा ने 100 से अधिक स्कूल संचालकों को स्पष्ट निर्देश दिए कि बगैर नियमों का पालन किए अब एक भी बस सड़क पर नहीं चलेगी।

उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि किसी बस में खामी पाई गई, तो सत्र शुरू होने के बाद सीधे कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में स्कूल संचालक अभी से सभी बसों के कागजात और अन्य सुरक्षा मापदंड की जांच कर लें।

दरअसल जून माह में खुलने वाले शिक्षा सत्र के पहले परिवहन विभाग द्वारा स्कूल संचालकों के साथ बैठक की गई। विभाग ने सभी स्कूलों को चेकलिस्ट का फार्म दिया है, जिसमें फिटनेस, परमिट, स्पीड गवर्नर, सीसीटीवी कैमरे, अग्रनिशमन यंत्र आदि बिंदुओं को शामिल किया गया है। यह स्कूल संचालकों को यह फार्म भरकर परिवहन विभाग को देना होगा।

स्कूल संचालकों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय सभी सुरक्षा मानकों का पालन भी करना होगा। बैठक में एडिशनल डीसीपी ट्रैफिक संतोष कुमार कौल, एसीपी मनोज खत्री, सुप्रिया चौधरी, सुदेश कुमार सिंह और रेखा परिवार सहित स्कूल संचालक मौजूद रहे।

अनुपयोगी बसों का रजिस्ट्रेशन कराए निरस्त

स्कूल संचालकों को परिवहन विभाग ने अनफिट बसों की सूची भी उपलब्ध कराई। इस पर बस संचालकों ने कहा कि ये बसें अब वे उपयोग नहीं करते हैं। एआरटीओ अर्चना मिश्रा ने कहा जो बसें उपयोग में नहीं की जा रही हैं, उनका रजिस्ट्रेशन निरस्त कराएं और स्क्रैप में दें।

एआरटीओ मिश्रा ने कहा कि जिन ट्रस्ट समितियों ने स्कूल ने पुराने वाहन बेच दिए हैं, लेकिन उनकी आनरशिप चेंज नहीं करवाई है, वे पुराने वाहनों की आनरशिप तुरंत ट्रांसफर करवाएं।

पुलिस वेरिफिकेशन कराएं

एसीपी सुप्रिया चौधरी ने कहा बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना हम सभी की जिम्मेदारी है। स्कूल संचालक ड्राइवरों और कंडक्टरों का पुलिस वेरिफिकेशन जरूर कराएं। पुलिस अधिकारियों ने स्कूल संचालकों से कहा कि स्कूल प्रबंधन अपने ड्राइवरों और परिचालकों को प्रशिक्षित करें और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें।

स्कूल बसों को लेकर यह हैं दिशा-निर्देश

  •     स्कूल बस का रंग पीला होना चाहिए।
  •     बसों के आगे-पीछे "स्कूल बस" लिखा होना चाहिए।
  •     बसों में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स होना चाहिए।
  •     बस में स्वीकृत स्पीड गवर्नर लगा होना चाहिए।
  •     प्रत्येक बस में सुरक्षा के लिए हारिजेंटल ग्रिल लगे हों।
  •     प्रत्येक बस में आग बुझाने के उपकरण हों।
  •     स्कूल का नाम और फोन नंबर लिखा हो।
  •     सीट के नीचे बैग रखने की व्यवस्था होना चाहिए।
  •     ड्राइवर के पास पांच साल का भारी वाहन का अनुभव होना चाहिए।
  •     बस में महिला चालक या परिचालक का होना आवश्यक है।
  •     आपातकालीन निकास द्वार बसों में रहे।
  •     बस में जीपीएस और सीसीटीवी अनिवार्य है।
  •     स्कूल बस में परदे या शीशे में फिल्म नहीं होना चाहिए।
  •     स्कूल बस के अंदर पर्याप्त रोशनी व सफाई हो।
  •     बस में इमरजेंसी सायरन और अलार्म, पैनिक बटन रहे।
  •     बरसात में पुल, पुलिया पर पानी होने पर पार न करें।
  •     बसों में क्षमता के अनुसार ही विद्यार्थी रहें।
  •  

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button